A Review Of baglamukhi shabar mantra

> असंदिग्ध है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताएं नाम मात्र की ”

Shabar mantras are certainly not connected to any unique deity. They are really thought of independent and they are believed to faucet into cosmic Power and universal consciousness.

मंत्र प्रयोग से पूर्व कन्या पूजन करते हैं किसी भंगी की कन्या(जिसका मासिक न प्रारम्भ हुआ हो) का पूजन करते हैं, एक दिन पूर्व जाकर कन्या की माँ से उसे नहला कर लाने को कहे फिर नए वस्त्र पीले हो तो अति उत्तम, पहना कर, चुनरी ओढ़ा कर ऊँचे स्थान  पर बैठा कर, खुद उसके नीचे बैठे व हृदय में भावना करे कि मैं माँ का श्रिंगार व पूजन कर रहा हूँ, इस क्रिया में भाव ही प्रधान होता है

श्री अक्षोभ्य ऋषि द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

बिम्बोष्ठीं कम्बु-कण्ठीं च, सम-पीन-पयोधरां। पीताम्बरां मदाघूर्णां , ध्याये ब्रह्मास्त्र-देवतां ।।

ॐ सौ सौ सुता समुन्दर टापू, टापू में थापा, सिंहासन पीला, सिंहासन पीले ऊपर कौन बैसे? सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बैसे। बगलामुखी के कौन संगी, कौन साथी? कच्ची बच्ची काक कुतिआ स्वान चिड़िया। ॐ बगला बाला हाथ मुदगर मार, शत्रु-हृदय पर स्वार, तिसकी जिह्ना खिच्चै। बगलामुखी मरणी-करणी, उच्चाटन धरणी , अनन्त कोटि सिद्धों ने मानी। ॐ बगलामुखीरमे ब्रह्माणी भण्डे, चन्द्रसूर फिरे खण्डे-खण्डे, बाला बगलामुखी नमो नमस्कार।

- साधना में जरूरी श्री बगलामुखी का पूजन यंत्र चने की दाल से बनाया जाता है।

मदिरामोद-वनां प्रवाल-सदृशाधराम् । पान-पात्रं च शुद्धिं च, विभ्रतीं बगलां स्मरेत् ।

हेमावांगरूचि get more info शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्

This implies she is so strong enough to generate the goal motionless and even now. Worshipping Ma Baglamukhi would be the guaranteed way to regulate the enemies and get about them. Having said that, with evil intentions, the mantras can only give adverse outcomes.

श्रीब्रह्मा द्वारा उपासिता श्रीबगला-मुखी

  चतुर्भुजां त्रि-नयनां, पीत-वस्त्र-धरां शिवाम् ।

गदाहत – विपक्षकां कलित – लोल-जिह्वाञ्चलां ।

ॐ सौ सौ सुता समुन्दर टापू, टापू में थापा, सिंहासन पीला, सिंहासन पीले ऊपर कौन बैसे? सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बैसे। बगलामुखी के कौन संगी, कौन साथी? कच्ची बच्ची काक कुतिआ स्वान चिड़िया। ॐ बगला बाला हाथ मुदगर मार, शत्रु-हृदय पर स्वार, तिसकी जिह्ना खिच्चै। बगलामुखी मरणी-करणी, उच्चाटन धरणी , अनन्त कोटि सिद्धों ने मानी। ॐ बगलामुखीरमे ब्रह्माणी भण्डे, चन्द्रसूर फिरे खण्डे-खण्डे, बाला बगलामुखी नमो नमस्कार।

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